किसी जंगल में एक झील के किनारे चार मित्र रहते थे उसमें से एक था चूहा दूसरा कौवा तीसरा हिरण और चौथा कछुआ एक ही झील के किनारे ही इन सब का आवास था यह चारों फुर्सत के समय में इकट्ठा होकर वार्तालाप किया करते थे एक शाम चूहा कछुआ और कौवा तो समय पर पहुंच गए किंतु हिरण ना पहुंचा तीनों बहुत देर तक उसके पहुंचने की प्रतीक्षा करते रहे किंतु जब हिरण नहीं आया तो उन्हें चिंता हो गई चूहे ने चिंतित स्वर में कहा लगता है कि आज हमारा मित्र हिरण कहीं फस गया क्योंकि इतनी देर तो कभी नहीं लगाता था यहां पहुंचने में
हमें उसकी खोज खबर लेनी चाहिए कछुए ने भी चिंता व्यक्त की फिर उसने कौवे की तरफ देखते हुए कहा मित्र तुम्हारे तो पंख है तुम उड़कर जंगल का एक चक्कर लगाओ देखो कि हमारा मित्र कहां है
ठीक है मैं अभी उड़कर जाता हूं और उसकी खोज खबर मालूम करता हूं यह कहकर कौवा उड़ गया और जंगल के ऊपर चक्कर लगाने लगा शीघ्र ही उसे हिरण को देख लिया वह किसी शिकारी के जाल में फंसा पड़ा था यह देखकर कौआ नीचे उतरा और हिरण के पास आकर बैठ गया उसने हिरन से पूछा यह सब क्या हो गया मित्र तुम शिकारी के जाल में कैसे फंस गए ?
हिरण ने डबडबाई आंखों से कौवे की ओर देखा और रोने जैसी आवाज में बोला क्या बताऊं मित्र मैं धोखा खा गया शिकारी के बिछाए जाल को ना देख सका और इसमें फंस गया फिर याचना भरी नजरों से कौवे की और देखता हुआ बोला मेरी सहायता करो मित्र अगर जल्दी ही इस जाल से छूटने का कोई उपाय ना हुआ तो मेरी मृत्यु निश्चित है
घबराओ मत मित्र कौवा बोला मैं अभी वापस जाता हूं और अपने मित्र चूहे को लेकर आता हूं उसके दांत बहुत तेज हैं वह कुछ ही देर में इस जाल को काट देगा ऐसा कहकर कौवा उड़ गया कौवे ने यह बात कछुए और चूहे को बताई तो वह भी चिंतित हो उठे कौवा चूहे से बोला
मित्र तुम्हारे दांत बहुत तेज है तुम मजबूत से मजबूत जाल को काट सकते हो तुरंत मेरे साथ चलो और अपने मित्र हिरण को शिकारी के जाल से मुक्त कर दो चूहा बोला मैं अपने मित्र की सहायता करने को तैयार हूं पर मैं वहां तक पहुँचूगा कैसे उसकी चिंता मत करो तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ मैं त्रीव गति से उड़कर तुम्हें कुछ ही देर में उसके पास पहुंचा दूंगा तब चूहा कूदकर कौवे की पीठ पर बैठ गया कौवा उसे लेकर घटनास्थल की ओर उड़ गया
दोनों मित्र के जाने के बाद कछुआ भी वहां से चल पड़ा वह भी अपने मित्र हिरण को छुड़ाने में अपना योगदान देना चाहता था चूहे ने वहां पहुंचते ही तेजी से जाल को काटना शुरू कर दिया कुछ ही देर में हिरण जाल से मुक्त होकर खड़ा हो गया ‘जल्दी से जंगल में भाग जाओ’ चूहा बोला – हिरण ने इधर-उधर देखा और फिर घने जंगल की ओर दौड़ गया तभी कौआ को शिकारी आता हुआ दिखाई दिया इस पर उसने चीख कर चूहे को सावधान किया मित्र जल्दी से किसी बिल में छिप जाओ शिकारी पहुंचने ही वाला है कौआ की बात मानकर चूहा फ़ौरन एक बिल में जाकर छिप गया तभी कौवे को मंथर गति से चलता हुआ कछुआ उधर ही आता दिखाई दिया उसने चीखकर कछुए को भी सावधान किया लेकिन तब तक शिकारी वहां पहुंच चुका था अपनी जाल को कटा देख और हिरण को गायब पाकर वह हक्का-बक्का रह गया
निकल गया कमबख्त हाथों से शिकारी ने माथे पर हाथ मार कर कहा लेकिन जाल कैसे कट गया जरूर किसी ने हिरण की मदद की है हाय आज की रात क्या फिर से भूखे ही सोना पड़ेगा कितनी मुश्किल से तो तीन दिन के बाद आज शिकार हाथ लगा था वह भी निकल गया
शिकारी इस तरह खड़ा – खड़ा प्रलाप कर रहा था कि तभी उसकी नजर भूमि पर रेंगते कछुए पर पड़ी बस फिर क्या था उसने कछुए को पकड़ लिया हिरण हाथ से निकल गया तो पेट भरने के लिए आज के लिए यह कछुआ ही काफी है आज इसी को भून कर खा लूंगा ऐसा विचार कर उसने कछुए को धनुष की डोरी से बांध लिया और उसे कंधे पर लटका कर वापस लौट पड़ा शिकारी के जाते ही कौवे ने चूहे को आवाज लगाई तो वह अपने छिपने के स्थान से बाहर निकल आया चूहा बोला हमने एक मित्र को छुड़ाया तो दूसरा फस गया अब क्या होगा मित्र
कछुए को यहां आना ही नहीं चाहिए था किंतु मित्र मोह के कारण वह यहां चला आया और शिकारी के हत्थे चढ़ गया लेकिन अब प्रश्न यह है कि उसे छुड़ाया कैसे जाए कौवे ने कहा
तुम किसी तरह हिरण को खोजो और उसे बताओ कि हमारा मित्र कछुआ संकट में फंस गया है वह शायद उसे छुड़ाने की कोई तरकीब बता सके चूहे ने कहा-
कौवा तत्काल उड़कर गया और कुछ ही देर में हिरण को लिवा लाया तीनों मित्र अपने चौथे मित्र कछुए को शिकारी के चंगुल से छुड़ाने की तरकीब सोचने लगे बहुत देर तक सिर खपाने के बाद आखिर एक तरकीब सोची गई हिरण बोला शिकारी अभी दूर नहीं पहुंचा होगा मैं थोड़ा सा चक्कर काटकर उसके पास पहुंचता हूं मैं उसके मार्ग में लेट जाऊंगा लेकिन चौकन्ना रहूंगा शिकारी जैसे ही मुझे देखेगा वह अपने बोझ और कछुए को नीचे रखकर मुझे पकड़ने के लिए दौड़ेगा जैसे ही वह मेरे निकट पहुंचेगा मैं तत्काल उठकर भाग लूंगा इतना समय मित्र चूहे के लिए पर्याप्त है वह कछुए की डोरी काट देगा कछुआ तेजी से दौड़ कर किसी घनी झाड़ी में सरक जाएगा
फिर वैसा ही हुआ हिरण कुछ आगे जाकर शिकारी के मार्ग में लेट गया शिकारी ने जैसे ही एक मोटे ताजे हिरण को देखा उसने अपना थैला और धनुष को उतार कर नीचे रखा और हिरण को पकड़ने के लिए अपना जाल लेकर दौड़ पड़ा शिकारी उस पर अपना जाल फेंके इससे पहले ही हिरण उठ बैठा और तेजी से जंगल की ओर भाग गया शिकारी कुछ देर तो उसके पीछे दौड़ता रहा किंतु जब हिरण और उसका फासला ज्यादा हो गया तो वह ठहर गया और खाली जाल लिए वापस लौट पड़ा
उधर चूहे ने जल्दी ही धनुष की डोरी काट डाली कछुआ आजाद होकर तेजी से एक झाड़ी में छिप गया शिकारी वापस लौटा तो उसने कछुए को गायब पाया शिकारी अपने भाग्य को कोसता हुआ निराश भाव से वहां से चला गया चारों मित्र एक बार फिर से मिले विपत्ति से छुटकारा पाने के उपलक्ष में सब ने एक दूसरे को बधाई दी और जश्न मनाया अगले दिन से वह फिर से मिल बैठ कर बातें करने लगे विद्वानों ने सच ही कहा है सच्चा मित्र वही होता है जो विपत्ति में काम आए