खरगोश चिड़िया और बिल्ली
एक बार की बात है गर्मियों में बेटर पक्षी एक बड़े वृक्ष के खोखले तने में रहता था यह एक सुरक्षित जगह थी परंतु कुछ दिनों के बाद उस पक्षी को लगा कि इस पेड़ के आसपास खाने को कुछ भी नहीं है इसलिए वह पास वाले गेहूं के खेत पर चला गया वहां पर बहुत सा गेहूं का दाना था बेटर पक्षी वहां पर रहकर खूब दाना खाने लगा वह अपने नए घर में बहुत खुश और संतुष्ट था
इस बीच एक खरगोश अपने लिए घर ढूंढ रहा था उसने वृक्ष के खोखले तने को देखा यह मेरे लिए बिल्कुल ठीक रहेगा यह सोचकर वह उस घर में घुसकर रहने लगा कुछ महीने बाद मौसम बदल गया ठंडी हवाएं चलने लगी और बेटर पक्षी गेहूं के खुले खेत में ठंड से कांपने लगा उसे अपने पुराने घर की याद आई वृक्ष के तने के खोखली जगह पर उसका आरामदायक घर था उसने वहां सर्दी भर रहने के लिए सोचा वह खेत में दाना खा खाकर शक्तिशाली और मोटा हो गया था इसलिए कुछ दिनों के लिए बेटर पक्षी बिना खाए भी रह सकता था वह जल्दी-जल्दी अपने पुराने घर पर पहुंचा परंतु एक खरगोश को उस में रहते देखा तुम यहां क्या कर रहे हो ? यह मेरा घर है तुम्हें पता है कि इस जगह को पहले मैंने ढूंढा था मैं यहां कई महीनों से रह रहा हूं तुम्हारा यहां कोई काम नहीं है तुम जल्दी से यहां से चले जाओ पक्षी बोला
खरगोश गुस्से से बोला तुम क्या कह रहे हो यह तुम्हारा घर है जब मैं अपने लिए जगह ढूंढ रहा था तब मैंने इसे खाली पाया था इसलिए मैं यहां आ गया अब यहां मेरा घर है इसलिए तुम जहां से आए हो वही चले जाओ बेटर पक्षी यह मानने को तैयार नहीं था दोनों में देर तक लड़ाई होती रही इस झगड़े को कोई अंत ना दिख रहा था इसलिए खरगोश ने कहा गंगा के किनारे एक बुद्धिमान और बूढ़ा बिल्ला रहता है वह हमारा झगड़ा निपटाने में सहायता करेगा तो चलो उसके पास चलकर फैसला करवाते हैं पर वह एक बिल्ला है पक्षी ने कहा मुझे सिखाया गया है कि बिल्ले का कभी विश्वास मत करो पर वह बिल्ला दूसरी तरह का है वह बहुत बुद्धिमान और नेक बिल्ला है वह हमारा कोई नुकसान नहीं करेगा दोनों जानवर चल पड़े और शीघ्र ही बिल्ली के पास पहुंच गए जहां वह बैठकर ध्यान कर रहा था
दोनों ने दूर से बिल्ली को प्रणाम किया बिल्ला बहुत चालाक था दोनों जानवर को देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई उसने मीठी आवाज में पूछा तुम्हें क्या चाहिए ? खरगोश ने उत्तर दिया हमारी एक समस्या है उसे सुलझाने के लिए हम आपकी बुद्धिमता का सहारा लेना चाहते हैं मेरे नजदीक आओ ताकि मुझे ठीक से दिखे और सुन सके मैं बूढ़ा हो गया हूं और दूर से देख सुन नहीं सकता बेटर पक्षी पास जाने से कतरा रहा था परंतु खरगोश नहीं डरा फिर दोनों उसके पास चले गए ज्यों ही वे पास आये बिल्ले ने झपट कर दोनों को पकड़ लिया और खा गया बेचारा बेटर पक्षी और खरगोश दोनों मारे गए क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि झूठ कभी भी अपना स्वभाव नहीं बदलता चाहे वह अपना रूप कितना भी बदल ले |