बहुत दिन पहले एक कस्बे में एक गरीब छकड़ा बनाने वाला रहता था वह अपनी गरीबी से इतना तंग आ गया था कि उसने अपने कस्बा और घर छोड़कर कहीं और जाकर रहने की सोची वह अपने परिवार को भी अपने साथ में ले गया रास्ते में छकड़ा बनाने वाले ने एक ऊंटनी को देखा
जिसके बच्चा होने वाला था ऊंटों का समूह उसे अकेला छोड़कर चला गया था थोड़ी देर बाद ऊंटनी ने एक बच्चे को जन्म दिया अगली सुबह ऊंटनी जब थोड़ी स्वस्थ हुई तब छकड़ा बनाने वाला ऊंटनी और उसके बच्चे दोनों को अपने साथ ले गया उस नए घर में जाकर थोड़े दिन बाद ऊंटनी स्वस्थ हो गई बच्चा भी बड़ा सुंदर ऊंट बन गया
छकड़ा बनाने वाला इस जवान ऊंट को बहुत प्यार करता था उसने उसके गले में एक घंटी बांध दी छकड़ा बनाने वाला ऊंटनी का दूध बेचने लगा उससे जो पैसे मिलता उससे वह घर का खर्चा चलाता था उसने सोचा यदि मैं और ऊंटनी पालू तो उनका दूध भी बेचकर अच्छा पैसा कमा सकता हूं
उसने अपनी पत्नी से कहा यह व्यापार अच्छा रहेगा मैं कुछ पैसा उधार लेकर गुजरात जाऊंगा वहां से एक और ऊंटनी खरीद कर लाऊगा तुम पीछे से इन दोनों ऊंटों की अच्छी तरह देखभाल करना उसकी पत्नी मान गई छकड़ा बनाने वाला गुजरात जाकर एक और ऊंटनी खरीद लाया किस्मत ने छकड़े वाले का साथ दिया और जल्दी ही वह बहुत से ऊंटों का स्वामी बन गया
उसने अपनी सहायता के लिए एक और आदमी रख लिया जो ऊंटों की अच्छी तरह देखभाल करता था वह उसको हर साल एक ऊंट का बच्चा और ऊंटनी का दूध हर रोज पीने के लिए देता था इस प्रकार छकड़ा बनाने वाला खुशी से रहने लगा
वह ऊंट के बच्चों को बेचने का व्यापार भी करने लगा वह ऊंटों की भली-भांति देखभाल करता था इसलिए उसके ऊंट अच्छी सेहत वाले थे वह पास के जंगल में जाकर कोमल कोमल पत्ते खाते थे जंगल में उगने वाले फल भी वे बे रोकटोक खाने लगे पास की झील का स्वच्छ पानी और मीठा पानी पीकर वे घंटों आपस में खेलते रहते
जिस ऊंट के गले में घंटी बंधी थी वह घमंडी हो गया उसने सोचा मैं एक विशेष ऊंट हूं तभी मेरे गले में घंटी बांधी गई है जब सारे ऊंट इकट्ठे चलते तब वह उनसे अलग थोड़ी दूर हटकर चलता जब दूसरे ऊंटों ने यह देखा तो वह आपस में कहने लगे यह बेवकूफ ऊंट हमसे अलग चलता है
इसके गले की घंटी भी बजती रहती है यह जरूर किसी दिन मुसीबत में फंस जाएगा कोई जंगली जानवर इसे मार डालेगा वे सब घंटी वाले ऊंट को भला बुरा कहने लगे उसके बेवकूफी भरे व्यवहार को उसे समझाया पर घंटी वाले ऊंट ने कोई ध्यान ना दिया
एक दिन जंगल में रहने वाले शेर ने घंटे की आवाज सुनी वह आवाज का पीछा करने लगा उसने जवान ऊंट का एक झुंड देखा जो कि चरने के बाद पानी पीने के लिए झील पर जा पहुंचा था घंटी वाला ऊंट अकेला अभी भी आराम से चारा चर रहा था थोड़ी देर बाद सभी ऊंट पानी पीकर अपने घर की तरफ चले गए
घंटी वाला उठा अभी भी वहां पर अकेला घूम रहा था शेर उसकी घंटी की आवाज का पीछा करते-करते उसके रास्ते में छुप कर बैठ गया ऊंट जब बिल्कुल पास से निकला तब शेर ने झपट्टा मारकर ऊंट की गर्दन को पकड़ कर मार डाला बेचारा ऊंट अच्छी नसीहत ना सुनने के कारण मारा गया